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KAMESH YADAV

Fantasy Others

3  

KAMESH YADAV

Fantasy Others

इश्क़

इश्क़

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वो हँसी भी थी 

वो रोई भी थी 


जिस इश्क़ से

वो बेखबर थी

उसी इश्क़ में 

वो खोई भी थी 


उसके लबों पर

इश्क़ का न ही कभी 

जिक्र हुआ था 

उसकी ज़िन्दगी में 

इश्क़ का न ही कभी 

कोई वास्ता था 


फिर भी उसका

इश्क़ से एक

राबता जो हुआ था

 

पूछा भी था मैंने 

तो उसने कुछ भी 

बताया भी न था 

कहीं इस इश्क़ ने

तो नहीं उसको

बेबस किया था


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