-पहली दफ्फा
-पहली दफ्फा
पहली दफ्फा न जाने क्यूँ
तुम से मिलने के बाद,
इन आँखों ने
तुम्हें कैद करना चाहा !
कैद करना कोई वजह नही थी,
बस मन कि शांति के लिए कैद किया था !
आज जब भी कभी
नींद नही आती
किसी दफ्फा तो
उसी चेहरे को
यादकर के
इन रातो में
लबों पर हलकी सी मुस्कान
रखकर सो जाना खवाब बन गया हैं !