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Mamta Rani

Romance Classics Fantasy

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Mamta Rani

Romance Classics Fantasy

बनके साहिल इस दिल की

बनके साहिल इस दिल की

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बनके साहिल इस दिल की, प्रेम की शमा जलाओ तो सही

खुशी इस मन की बन खूबसूरत ग़जल गुनगुनाओ तो सही


गाफ़िल हुए दिल की गलियों में, रुसवाइयों का सहर ना लाओ

फ़क़त इल्तज़ा है तुझसे ,इस दिल को आराम पहुँचाओ तो सही


जुस्तजू इस दिल की ,मौन हुए अधरों में तबस्सुम तो लाओ

दिल-ए-मुज़तिर दिलबर को अपना सनम बनाओ तो सही 


काफ़िर हुए इस मन में तुम, प्रेम का एहसास दिला तो जाओ

बेरंग हुए मन को काव्य का अंश बन रफ़ाक़त दिखाओ तो सही


शब ये सहर दिन के आठों पहर तकती आँखे ढूंढे तुझे चारों तरफ

अपने ख्वाबों खयालों में 'रानी' बना, मन में बसाओ तो सही।


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