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Monika Yadav

Abstract Fantasy Inspirational

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Monika Yadav

Abstract Fantasy Inspirational

मेरा आशियाना।

मेरा आशियाना।

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तिनका तिनका जोड़ा मैंने,

गढ़ने को आशियाना अपना।

वृक्ष की ऊंची शाख पर,

बसेरा हो, ऐसा एक सपना।


एक तिनका उठाया मैंने,

हिम्मत का, लड़ जाने की,

दूजा तिनका बिन सोचे बस,

अपने मन की कर जाने की।


कुछ तिनके उस आंगन से ,

जहां प्यार दुलार परिपूर्ण हो,

एक तिनका उस आलय से,

जो कम में भी सम्पूर्ण हो।


कुछ तिनके उस बगिया से,

जहां पुष्पों में कोई भेद नहीं।

जहां हर कली खुद में सक्षम,

दूजे की खुशियों का खेद नहीं।


कुछ सूखे पत्ते उस डाल के,

जिसने सदा ही छांव दी,

एक तिनका उस टहनी से,

जहां यौवन ने ऋतु टांग दी।


कुछ तिनके पुरानी यादों के,

वो वीरान गालियां मेरे गांव की।

एक तिनका उस शाला से,

जहां से नई रूत आरंभ की।


सृजन कर इन तिनकों का,

हर एक निराशा दफना।

वृक्ष की ऊंची शाख पर,

बसेरा हो, ऐसा एक सपना।



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