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Monika Yadav

Abstract

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Monika Yadav

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रंग इश्क़ का

रंग इश्क़ का

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रंग इश्क़ का गहरा नीला

बिल्कुल तेरे नैनों सा

एक बार जो डूबे उसमें

वो आशिक़ फिर कहां उठा।


इश्क़ ज़रा सा लाल सुर्ख सा

माथे सजी उस बिंदी सा

मेरे नाम का सिंदूर भरा जब

इश्क़ खुदी में और सजा।


इश्क़ ज़रा सा गहरा पीला

हाथों लगी उस मेहंदी सा

पीत हुए यूं हाथ प्रीत में

नाम मेरा जो लिखा दिया।


स्वर्ण रंग सा इश्क़ सुनहरा,

लहराते उन गेहूं सा,

मिले धनक में, धड़के दो दिल

चित्त प्रफुल्लित चमकीला।


सतरंगी है रंग इश्क़ का

सहसा तेरी चुनरी सा

इंद्रधनुष सा अदभुद यौवन

लहराता यूं रेशम सा।


श्यामल इश्क़ का रंग कृष्णयी

खुली तेरी उन जुल्फों सा

जिनकी कोमल छांव में सोकर

ख्वाबों को मैं जी गया।


इश्क़ का रंग सफेद पिया

सजीला श्वेत शीतल सा

मैंने तुझको तुमने मुझको

जिस मन चाहा ढाल लिया।



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