अपने काजल साफ़े पर ही हँस आते हैं...! अपने काजल साफ़े पर ही हँस आते हैं...!
स्वर्ण रंग सा इश्क़ सुनहरा, लहराते उन गेहूं सा। स्वर्ण रंग सा इश्क़ सुनहरा, लहराते उन गेहूं सा।
भले इन्द्रधनुष बन जाना सबके और दर्पण में देख स्वयं को मुस्कुराना जमके। भले इन्द्रधनुष बन जाना सबके और दर्पण में देख स्वयं को मुस्कुराना जमके।
और इसी विभिन्न रंगों का आनंद लेना ही जिंदगी है, जिंदगी है, जिंदगी है। और इसी विभिन्न रंगों का आनंद लेना ही जिंदगी है, जिंदगी है, जिंदगी है।
शांत नीला आसमान है देखता सबका हाल। शांत नीला आसमान है देखता सबका हाल।
मुँह पर दाढ़ी मूछें हैं, सर पर एक पगड़ी है जितने भी दिखे चेहरे, सब थे सरदार होली में। मुँह पर दाढ़ी मूछें हैं, सर पर एक पगड़ी है जितने भी दिखे चेहरे, सब थे सरदार हो...