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Mukesh Nirula

Inspirational

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Mukesh Nirula

Inspirational

होली

होली

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चले थे जोश में ले कर, रंग का अम्बार होली में 

अभी तक न नज़र आया, कोई दिलदार होली में 

फटी सी जींस पहनी थी दिखी जो भी हमें

लड़की खड़ी थी घर के वो बाहर, हो कर तैयार होली में 


जिसे भी रंग लगाने की, हमेशा से रही चाहत 

अभी तक हो नहीं पाया, उस का दीदार होली में 

बहुत मुश्किल से मैंने था, उस चेहरे को पहचाना 

जाने किस ने लगाया था, उस पर गुलाल होली में 


दिखे बच्चे मुझे थे कुछ, लिए थे हाथ में कीचड़ 

उन्होंने ही था रंग डाला, मुझे इस बार होली में 

मुँह पर दाढ़ी मूछें हैं, सर पर एक पगड़ी है 

जितने भी दिखे चेहरे, सब थे सरदार होली में। 


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