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Mukesh Nirula

Abstract

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Mukesh Nirula

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शिक्षक

शिक्षक

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जीवन की गूढ़ बातें, हमें जो भी सिखाते हैं 

उम्र कुछ भी हो उन की, गुरु वो ही कहलाते हैं

 

कभी आसन सिखाते हैं, कभी शासन सिखाते हैं 

कभी हो जाए अगर गलती, हमें फिर भी सिखाते हैं 


हम जो नाकाम हो जाएं, या हिम्मत हार जाएं

हम थामते हाथ हैं फिर भी, हौसला यह बढ़ाते हैं 


कभी गलती जो हम करते, तो यह नाराज़ भी होते 

मगर कोशिश यह करते हैं, हमें फिर से सिखाते हैं 


न जाने कब यह मिल जाएं, अजब ही रूप है इन का 

पिता, माँ, बहन, बेटी, दोस्त या फिर शिक्षक कहाते हैं। 


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