तुम्हारी तस्वीर
तुम्हारी तस्वीर
तुम्हारी तस्वीर को हमने,
Profile से चुरा लिया।
खफा न होना हमसे,
उसे अपना बना लिया।
हर पल हर घडी अब
वो पास है मेरे।
तुम्हारी हर अदा मिली
मिले जलवे बहुतेरे।
सुनती है खामोशी से वो,
मेरे हर लफ्ज़ को।
न चिढ़ती है, न रूठती है,
न तरसाती है स्पर्श को।
तुमसे कहीं अच्छी मुझे
तेरी तस्वीर लगती है।
देखकर मेरी तन्हाई वो
कितना तड़पती है।।
मेरे जिस्म, मेरी रूह,
मेरे दिल पर वो छा गई।
तू दूर है, न शिकवा हमें,
तेरी तस्वीर भा गई।
मेरी तन्हाई, तेरी रुसवाई
की साथी मिल गई।
तुम ना मिले मन ना सही
तेरी तस्वीर मिल गई।।

