जिंदादिल
जिंदादिल
1 min
265
उम्मीदों से भरी बेटियां ,
नाजों से पाली जातीं
नहीं कम तुम किसी से ,
यह मां उन्हें समझाती।
तन से नाजुक होती है पर
मनसे है मजबूत बड़ी।
अपनी सहनशक्ति की दम से,
पूरी दुनिया से लड़ी।
छूने को बेताब गगन हैं,
अवसर यदि मिल जाए।
नारी नहीं किसी से कम
यह दुनिया को दिखलाएं।
जननी बनकर जग जना,
पर मान नहीं वो पाती है।
बना बेचारी बेड़ियों में,
सदा से जकड़ी जाती है।
पर अब वह समय है आया ,
अपनी शक्ति को पहचान।
बन सबला दिखला दे सबको,
तभी मिलेगा तुझको मान।
