बदलता समय बनाम 2020
बदलता समय बनाम 2020
जा रहा हूं दोस्त
कहकर अलविदा
आऊंगा फिर लौटकर
होकर ख़ुद से जुदा।
इस वर्ष की भरपूर
यादें दिए जा रहा हूं।
फ़र्ज़ अपना पूरा मैं
किए जा रहा हूं।
ऐ दोस्त न मायूस हो
जल्द लौटकर आऊंगा।
2019 कहते थे अब
फिर 2020 कहलाऊंगा।
मैं समय हूं,
ठहरना मेरा काम नहीं
समझोगे मेरी मज़बूरी
मेरी क़िस्मत में आराम नहीं।
मैं यदि रूक गया
पूरी दुनिया ही रुक जायेगी।
बदला ना स्वरूप अपना तो
हर जिंदगी थम जाएगी।
मैं रूप बदल लौटूंगा शीघ्र
पुनः चौखट पर तुम्हारी।
फिर सजा लो मन स्वप्न नये
कर लो स्वागत की तैयारी।