तुम्हारे नाम तीसरा संदेश
तुम्हारे नाम तीसरा संदेश
कोशिश करती रहती हूँ
दिन रात तुझे समझने की
तेरा अनकहा जान पाने की।।
कोशिश करती रहती हूँ
तेरे चेहरे पर मुस्कान लाने की
तुझे थोड़ा थोड़ा लुभाने की।।
कोशिश करती रहती हूँ
तेरे तकलीफ़ को पढ़ पाने की
और जल्द उसे मिटाने की।।
कोशिश करती रहती हूँ
तुझसे खूब बतियाने की
और तेरे हर जवाब को समझ पाने की।।
कोशिश करती रहती हूँ
तुझसे नया कुछ सीखने की
और कुछ नया तुझे सीखाने की।।
जान पाती हूँ अगर कोई इशारा तुम्हारा
तो खुद को शाबाशी जताती हूँ
और होती हूँ जब असमर्थ
तो खुद को ही डपट लगाती हूँ।।
तेरे साथ हर पल को जीती हूँ
और सारी परेशानियों को भूल जाती हूँ
लिखती हूँ तुम्हारे लिए कविताएं क्योंकि
हर अनुभव को कैद रखना चाहती हूँ।।