नींव की ईंट
नींव की ईंट
माँ बाप से भी जिसका ऊंचा मान होता है,
गुरु साक्षात परब्रह्म कहकर,
जिनका गौरव गान होता है,
मेरे देश में शिक्षक का ऐसा,
आदर-सम्मान होता है।।
प्यार-डांट से एवं दंड विधान से,
छात्रों को पढ़ाते,ज्ञान-गंगा में गोते लगवाते !
अज्ञान अंधकार से निकाल,
ज्ञान-प्रकाश में ले जाते हैं।
शिष्यों के उत्तम भविष्य निर्माण मे,
हर शिक्षक वरदान होता है।।
मिट्टी को कोहिनूर बनाते,
असत्य हटा सत्य की सैर कराते!
“नींव की ईंट” बनकर सदैव,
“शिक्षा भवन” मजबूत बनाने में
उनका,विशेष योगदान होता है।!
ज्ञान-भंडार होता इनके चरणों में,
रोम-रोम इनसे प्रकाशमान होता है।
जीवन-अंश मानस चरणों में अर्पण,
आंखे खोल देता है,कृपानिधान होता है।
मेरे देश में शिक्षक का,
ऐसा आदर-सम्मान होता है।।