STORYMIRROR

Usha Shrivastava

Others

4  

Usha Shrivastava

Others

हे सखी ! प्रिय वसंत ऋतु आई

हे सखी ! प्रिय वसंत ऋतु आई

1 min
259

हे सखी ! प्रिय वसंत ऋतु आई

सुनी रुनझुन पदचाप,

प्रिय सखी आज,

हो गया मधुर आगाज़,

झंकृत हुए सब साज़

उमंगों ने ली अंगड़ाई

हे सखी! प्रिय वसंत ऋतु आयी...।।

नव-पल्लव शोभित पादप,

हरितिमा की ओढ़ धानी चूनर,

लहराए खेत, प्रसून लगे महकने,

यौवन विकसित,मन वीणा तरंगित,

कर सोलह श्रृंगार सजनी, 

प्रीत की पेंग बढ़ाई,

हे सखी! प्रिय बसंत ऋतु आयी..।। 

कोयल लगी कुहूकने,

अमराइयों में छा गए बौर,

खग-वृन्द कलरव का मचा है शोर,

सरसों के फूलों से प्रकृति सराबोर,

काम-रति ने प्रेमी मन में खलबली मचाई,

हे सखी! प्रिय बसंत ऋतु आयी..।।


Rate this content
Log in