कविता-कहानी लिखना,पढ़ना संगीत सुनना और बागवानी करना । ऑनलाइन कार्यक्रमों में सहभागिता और आयोजन ।
हे सखी ! प्रिय वसंत ऋतु आई सुनी रुनझुन पदचाप। हे सखी ! प्रिय वसंत ऋतु आई सुनी रुनझुन पदचाप।
तुम अगर कर्तव्य निभाने का वादा करो, तो मेरा देश आगे बढ़ता रहे। तुम अगर कर्तव्य निभाने का वादा करो, तो मेरा देश आगे बढ़ता रहे।
जय -जय महाकाल बाबा, दुखियों के कष्ट निवारो जय -जय महाकाल बाबा, दुखियों के कष्ट निवारो
बिल्डिंग की सभी प्रशंसा करते, “नींव के पत्थर” भुला दिए जाते हैं ! बिल्डिंग की सभी प्रशंसा करते, “नींव के पत्थर” भुला दिए जाते हैं !
मेरे देश में शिक्षक का, ऐसा आदर-सम्मान होता है।। मेरे देश में शिक्षक का, ऐसा आदर-सम्मान होता है।।
सब भाषाओं को गले लगाती, शब्द प्यार से यह अपनाती। सब भाषाओं को गले लगाती, शब्द प्यार से यह अपनाती।
छतों पर अब न सोते हैं, बात-बतंगड़ अब न होते हैं!! छतों पर अब न सोते हैं, बात-बतंगड़ अब न होते हैं!!
बहन-भाई के भाल पर, लगाती अक्षत चन्दन है।। बहन-भाई के भाल पर, लगाती अक्षत चन्दन है।।
उठे शेर तो खैर नहीं है, क्यों अपनी मौत बुला रहा उठे शेर तो खैर नहीं है, क्यों अपनी मौत बुला रहा
जन्म हो या मरण हो, मुंडन हो या परिणय हो, दिन-रात बस मोबाइल की शरण हो! जन्म हो या मरण हो, मुंडन हो या परिणय हो, दिन-रात बस मोबाइल की शरण हो!