शक्ति पर्व (गरबा-गर्वानुभूति)
शक्ति पर्व (गरबा-गर्वानुभूति)
हे मातु अम्बिके विद्याधन,
यश, कीर्ति की आभासी हूँ।
आशीष सुरक्षा मिले सदा,
तेरे चरणों की दासी हूँ।।
तेजोमय हो मेरा जीवन,
तेजोमय मेरा स्वाभिमान।
सत्कर्मों की श्रंखला बने,
साक्षी हो धरती आसमान।।
तुमसे जीवन को मिले शक्ति,
आशापुरा की मिले भक्ति।
मैं सत्य पथिक बन डिगूं नहीं,
अर्पित माँ तुझको भाव-भक्ति।।
अभिलाषी है 'यशस्विनी' बस,
यश की, जय की, संरक्षण की।
कर दो पावन मेरा जीवन,
चाहत है माँ अभिरक्षण की।।