यशस्विनी
यशस्विनी
चक्रिणी देवी दे यश, कीर्ति, धन तथा विद्या !
माँ नवदुर्गा आपके आशीर्वाद से करूँ सबकी सुरक्षा !!
आपके तेज जैसा हो मेरा स्वाभिमान !
माँ संगरक्षण करूँ मैं, ये धरती - ये आसमान !!
हर तरफ करूँ दुनिया, अपनी रौशनी से जगमग !
नवदुर्गा आशीर्वाद दो, शत्रुओं को कर दूँ नत मस्तक !!
चेहरे पर रहे चन्द्रमा सी चमक !
अदृश्य त्रिशूल, चक्र, कृपाण हो मेरी ताकत !!
हो तीन नेत्र जैसी अनुपम प्रभा !
बल ऐसा जैसे सिंह के कंधे पर, विराजी माँ अम्बा !!
भवप्रीता की राह चलूँ और भवमोचनी बन करूँ कल्याण !
पाटलावती सी महकाऊँ खुशियां, और महातपाः बन करू तपस्या !!
'यशस्विनी' हूँ , भौंहों के संरक्षण करूँ ,
'जया' बन कर के रक्षा ,
माँ दुर्गा आपके रूप में !
मैं करूँ इस दुनिया सुरक्षा !!