तू और मैं !!
तू और मैं !!
तू वो बहता दरिया है, मैं गोते लगाती व्हेल,
तू खूबसूरत हिल स्टेशन, तो मैं गुज़रती हुई रेल,
तू चमकता हुआ चाँद सा, मैं ठहरी चकोरी,
तू मनभावन श्याम सा, मैं नखरीली राधा गोरी,
तू उड़ता हुआ गुलाल, मैं पानी में घुलती रंग की पुड़िया,
तू उमंग भरा माहौल, और मैं गुमसुम सी गुड़िया,
तू बड़े घर की जिम्मेदारी सा समझदार, मैं ठहरी अनपढ़ सी कुठरिया,
तू लेखक सबकी आँखों का तारा, मैं 'यश' सी लिखती कुछ बतिया !

