सुख-दुख का है साथी कौन, हे भगवन बिन तेरे कौन... सुख-दुख का है साथी कौन, हे भगवन बिन तेरे कौन...
सूखे रेगिस्तान में आया है, जैसे मौसम अब की बहार का ! सूखे रेगिस्तान में आया है, जैसे मौसम अब की बहार का !
खुशियों का बरसता सावन है, ऐसे गुरूवर को बारम्बार प्रणाम है। खुशियों का बरसता सावन है, ऐसे गुरूवर को बारम्बार प्रणाम है।
छूकर पवन है जिनको आई अपने उन मनभावन के। छूकर पवन है जिनको आई अपने उन मनभावन के।
याद आती है मुझे भी माँ की दिन रात अब वो हक़ीक़त में कहां सपनो में आती है। याद आती है मुझे भी माँ की दिन रात अब वो हक़ीक़त में कहां सपनो में आती है।
जिसका है जीवन सूना बेरंग उसके जीवन में भी भर दो रंग। जिसका है जीवन सूना बेरंग उसके जीवन में भी भर दो रंग।