अब नहीं भाभी की हठखेलियाँ अब है प्रसाधनों की हर दराज। अब नहीं भाभी की हठखेलियाँ अब है प्रसाधनों की हर दराज।
जान पाती हूँ अगर कोई इशारा तुम्हारा तो खुद को शाबाशी जताती हूँ और होती हूँ जब असमर्थ तो खुद ... जान पाती हूँ अगर कोई इशारा तुम्हारा तो खुद को शाबाशी जताती हूँ और होती हूँ ...