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Meenakshi Gandhi

Classics

4.8  

Meenakshi Gandhi

Classics

तुम्हारे नाम पहला संदेश

तुम्हारे नाम पहला संदेश

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676


बेटी बनो, चाहे बेटा बन कर आना

कुछ बातें कभी तुम भूल ना जाना।


हर लम्हे में खुशियां तलाशना,

हर पल को तुम खुल कर जीना,

खूब घूमना और प्रकृति का हर रंग निहारना,

अच्छा और नया बस सीखते जाना।


बाहरी खूबसूरती में मत भटक जाना,

अंदरूनी खूबसूरती को तुम पाना,

सब पर खूब प्यार लुटाना,

जताने के लिए भी मत शरमाना।


गलती होने पर तुम झुक जाना,

सही होने पर पीछे मत हट जाना,

अपना हर सपना पूरा करना,

जरूरत पड़े चाहे कितना ही लड़ना।


परिस्थितियों से ना घबराना,

हर मुसीबत के आगे डट जाना,

जीवन में कभी कमजोर मत पड़ना,

अपनी अंदर की ताकत पहचानना ।


चाहे कितनी राहों पर भटको,

चाहे कितनी अड़चनों में अटको,

भटकते गिरते संभलते जाना,

अपनी हर मंजिल को पाना।


चाहे कितने साथी छूटे,

हौसले तुम्हारे कभी ना टूटे,

अपना खुद तुम साथ निभाना,

आगे बस तुम बढ़ते जाना।


दया इंसानियत कभी भूल ना जाना,

चाहे कितना ही आगे बढ़ जाना,

कुछ बातें तुम भूल ना जाना

कुछ बातें तुम भूल ना जाना।


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