तुम्हारा प्यार
तुम्हारा प्यार
तुम प्यार बनके आएं
मेरे मरू इस हृदय में,
सावन की घटा- घनघोर बनके आएं
तुम प्यार बनके आएं
मेरे मूक इन लबों पे,
प्रेम का संगीत बन के
सात-सुरों की लय-ताल बन के आएं
तुम प्यार बनके आएं
मेरे विकल इन नेत्रों में
उल्लास की उम्मीद बन जगमगाएं
खाली मेरे हाथों में
जब से हाथ तेरे आएं
इस धरा से आसमां तक
तुम ही तुम बस ...अनन्त तक समाएं।