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ARVIND KUMAR SINGH

Abstract Romance Fantasy

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ARVIND KUMAR SINGH

Abstract Romance Fantasy

प्यार भरी एक नजर

प्यार भरी एक नजर

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हमें न जिंदा छोड़ोगे 

बैठे हो तुम जो ठाने

अब फरयाद लगाऐं 

दरबार में तुम्हारे या

पहुंच जांऐ हम थाने


नामुमकिन है बचना

लगता है जान फंसाई

नजर मिलाकर तुमने

जान खींच ली पहले

फिर कर गये रुसवाई


फिक्रमंद अब क्यों होगे

लाखों हैं जो तुम्हारे पीछे

अल्हड़ अदा दिखाते हो

मरता है कोई मरा करे

आंखों से फोटो खींचे


गुमान से नीचे उतरो थोडा़

फिर सोचो न दिलदार

पागलपन की हद तक

जान छिड़कने वाला भी तो

करता होगा तुमको प्यार


बेशक मत हो जाओ मेरे

चाहे न करना मुझको प्यार

प्यार भरी बस एक नजर

पर डाल दो मुझ पर यार।


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