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Mittal Chudgar Nanavati

Romance Classics Fantasy

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Mittal Chudgar Nanavati

Romance Classics Fantasy

आसमान

आसमान

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आसमान को छूने की कभी चाह नहीं थी मेरी,

पर जमीन से उसकी इबादत खूब करती हूं मैं आज भी,


तनहाई में कोई साथ दे ना दे,

वह जरूर भर लेता है मुझे अपने आगोश में,


उसे ना कोई गुरूर है ना कोई फरियाद...

वह तो हरदम तैयार रहता है सुनने को मेरी फरियाद


उसके बेइंतहा प्यार ने ही तो आज मजबूर किया है मुझे,

चंद शब्द उसकी तारीफ में बयान करने को।


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