फुनगी
फुनगी
सबसे ऊँचे पेड़ की फुनगी पर बैठ
तुझे निहारना चाहता हूँ।
एक डैना मेरा एक तेरा हो
यूँ सीना आसमान का चीरना चाहता हूँ।
मैं तेरी परछाई बन जाऊँ
तू अक्स बन जाये मेरा।
यूँ तुझसे मिल जाना चाहता हूँ।
जुदा न ज़िस्म न दिल हों अब
धड़कनें कौन तेरी कौन मेरी?
धड़कनों की यह हेरा/फेरी
बार / बार करना चाहता हूँ।
उड़ो तुम मैं भी उड़ जाऊँ!
तारों के पार चलने को
तैयारतुम भी मैं भी !
संग तेरे यूँ ही घूमना चाहता हूँ।
सबसे ऊँचे पेड़ की फुनगी पर बैठ
बस यही करना चाहता हूँ।
संग तेरे जीना संग मरना चाहता हूँ।

