तुम्हारा प्यार
तुम्हारा प्यार
आंखों में नमी छोड़ कर
दिल मेरा तुम तोड़ कर
हमेशा यूं ही झूठ बोल कर
चले जाते हो दिल तोड़ कर
प्रिय क्या यही है प्यार तुम्हारा ?
क्षण कैसे बीतें यादों के सहारे
कैसे जीऊं प्रतीक्षा में तुम्हारे
प्रतीक्षा में खड़ी हूं द्वारे
कैसे जीऊं बिन तुम्हारे
प्रिय क्या यही है प्यार तुम्हारा ?
खामोश निगाहें देखी नहीं
भावनाएं मेरी समझी नहीं
कमी मेरी तुम्हें अखरती नहीं
कभी मेरी तुम्हें याद आती नहीं
प्रिय क्या यही है प्यार तुम्हारा ?
तन्हा हम को तुमने छोड़ा
जख्मों भरा तीर तुमने छोड़ा
दर्द का निशा दिल पर छोड़ा
हमसे ही फिर तुमने मुंह मोड़ा
प्रिय क्या यही है प्यार तुम्हारा।

