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Pushpa Srivastava

Romance

3  

Pushpa Srivastava

Romance

तुम्हारा प्यार

तुम्हारा प्यार

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आंखों में नमी छोड़ कर

दिल मेरा तुम तोड़ कर

हमेशा यूं ही झूठ बोल कर

चले जाते हो दिल तोड़ कर

प्रिय क्या यही है प्यार तुम्हारा ?


क्षण कैसे बीतें यादों के सहारे

कैसे जीऊं प्रतीक्षा में तुम्हारे

प्रतीक्षा में खड़ी हूं द्वारे

कैसे जीऊं बिन तुम्हारे

प्रिय क्या यही है प्यार तुम्हारा ?


खामोश निगाहें देखी नहीं

भावनाएं मेरी समझी नहीं

कमी मेरी तुम्हें अखरती नहीं

कभी मेरी तुम्हें याद आती नहीं

प्रिय क्या यही है प्यार तुम्हारा ?


तन्हा हम को तुमने छोड़ा

जख्मों भरा तीर तुमने छोड़ा

दर्द का निशा दिल पर छोड़ा

हमसे ही फिर तुमने मुंह मोड़ा

प्रिय क्या यही है प्यार तुम्हारा।


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