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Rajiv Jiya Kumar

Romance Fantasy

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Rajiv Jiya Kumar

Romance Fantasy

तुम याद आए।

तुम याद आए।

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बैठ गुमसुम 

मदहोश करती यादों 

से तेरी लिपट 

हम तुम्हारी 

राह तकते है।।

छुप जाते हैं नजारे

थक होकर परेशां,

छुप जाते हैं सितारे

सजा आसमां,

पर सनम हम

कहाँ थकते हैं 

तुम्हारी राह तकते हैं।।


सोती रात ने 

दी थपकी,

सुन उसकी

लोरी की मधुर धुन 

धरती सोई

दिन हुआ गुम,

परवाने फिर भी

कहाँ सोते हैं,

अपनी शमां को ये

और हम तुम्हें सोच

सारी रात जगते हैं 

तुम्हारी राह तकते हैं।।

       



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