नाम मैं तेरा रट जाऊँ नाम मैं तेरा रट जाऊँ
शून्य बनी थी ज़िंदगी जो आँचल को पूर्ण कर पाता है। शून्य बनी थी ज़िंदगी जो आँचल को पूर्ण कर पाता है।
लाख पर्दे में, वे छिपे रहते थे बड़े मगरूर थे, ना कुछ कहते थे लाख पर्दे में, वे छिपे रहते थे बड़े मगरूर थे, ना कुछ कहते थे
सरसराती हवा अक्सर हमसे लिपट जाया करती थी, सरसराती हवा अक्सर हमसे लिपट जाया करती थी,
नजर नहीं मिला सकते तो कोई बात नहीं कहो तो नैनों से हम कोई तीर चलाएं नजर नहीं मिला सकते तो कोई बात नहीं कहो तो नैनों से हम कोई तीर चलाएं
छुप जाते हैं नजारे थक होकर परेशां, छुप जाते हैं नजारे थक होकर परेशां,