STORYMIRROR

PRADYUMNA AROTHIYA

Romance Others

3  

PRADYUMNA AROTHIYA

Romance Others

तुम जो मिले मुझ को

तुम जो मिले मुझ को

1 min
125

तुम जो मिले मुझ को

जिंदगी मिल गई

रूठे हुए ख्वाबों को

जीने की वजह मिल गई।


प्यार की फिर से

नई कली खिल गई

तुम्हारे आने से 

वह सुबह मिल गई।


चेहरे पर नया तेज

और तुम्हारे प्यार की अनुभूति मिल गई

जीवन के इस मोड़ पर 

बदली-सी नूतन तकदीर मिल गई।


तुम जो मिले मुझ को

जिंदगी मिल गई

मन में बहते मधुर भावों सी 

प्रद्युम्न को अविरल सरिता मिल गई।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance