तुम जो मिले मुझ को
तुम जो मिले मुझ को
तुम जो मिले मुझ को
जिंदगी मिल गई
रूठे हुए ख्वाबों को
जीने की वजह मिल गई।
प्यार की फिर से
नई कली खिल गई
तुम्हारे आने से
वह सुबह मिल गई।
चेहरे पर नया तेज
और तुम्हारे प्यार की अनुभूति मिल गई
जीवन के इस मोड़ पर
बदली-सी नूतन तकदीर मिल गई।
तुम जो मिले मुझ को
जिंदगी मिल गई
मन में बहते मधुर भावों सी
प्रद्युम्न को अविरल सरिता मिल गई।

