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Meenaz Vasaya. "મૌસમી"

Fantasy

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Meenaz Vasaya. "મૌસમી"

Fantasy

"तुम जैसी हो वैसी ही रहना।"

"तुम जैसी हो वैसी ही रहना।"

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तुम जैसे हो वैसे ही रहना, तुम मत बदलना,

बदलेंगे मौसम, बदलेंगे ऋतु, बदल जायेंगे सब अपने,

पर तुम मत बदलना, जैसे हो वैसी ही रहना।

कभी अमावस्या, तो कभी चांदनी होगी,

कभी तारे टिमटिमाते होगे, आकाश बदलेंगे अपने रूप बार बार,

पर तुम मत बदलना जैसी हो वैसी ही रहना।

कभी वसंत कभी पतझड़ होगी,

कभी धूप तो कभी बारिश होगी,

मौसम अपना रुख बदलेगी बार बार,

पर तुम वैसे ही रहना तुम मत बदलना।

कभी सुख तो कभी दुख होगा,

परिस्थितियां देखकर बदल जाते है लोग,

पर तुम कभी ना बदलना जैसे हो वैसी ही रहना।



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