तुम ही तो हो जिंदगी मेरी
तुम ही तो हो जिंदगी मेरी
हवाएँ चाहे रुख मोड़ ले अपना
ये फिजाएँ क्यूँ न नियम तोड़ दे अपना
हमें तुम पर भरोसा है खुद से ज्यादा
कही न जाएगी तू छोड़ के दामन अपना
क्योंकि तुम ही तो हो जिंदगी मेरी।
कदम बाद में पहले तकलीफ आ जाती है
अंधेरा जिंदगी में, धूप तन्हाई खा जाती है
तू राह है मेरी और तेरा प्यार मेरी मंजिल
तन्हाई में भी तू बहार बनके आएगी
क्योंकि तुम ही तो हो जिंदगी मेरी।
हर वक्त पतझड़ सी रुखसत होती है
कहाँ किसी को कोई फुरसत होती है
तू शाम मेरी और तू ही मेरी शमा
तू मेरी एक कहानी बनके आएगी
क्योंकि तुम ही तो हो जिंदगी मेरी।
