शायद तू मेरे पास होती
शायद तू मेरे पास होती
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सुकून सी दिल से एक आह निकल जाती
जिंदगी में आज शायद तू मेरे पास होती।
टूट जाते हम मगर तू बिखरने से रोक लेती
मैं साहिल और तू बन के किनारा मेरे पास होती।
सूनी सी डगर पे कोई थाम ले दामन हमारा
जिंदगी में तू मेरी परछाईं बन के मेरे पास होती
तन्हाई खा जाने को बेताब है मेरे दिल को
मेरे जीने का वजूद बनकर तू मेरे पास होती।