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Mahendra Rathod

Drama

5.0  

Mahendra Rathod

Drama

गुमनामी

गुमनामी

1 min
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देखकर महफिल सितारों की एकसाथ में

चाँदनी अकेली अम्बर में बेशुमार रो रही थी।


बिखर गए बादल उड़ते पंछी को देखकर

एक सोने की चिड़िया पिंजरे में कैद हो रही थी।


निगाहें बेकरार होकर ढूंढने लगी थी किसी को

बीच आसमान एक अजनबी गुमनाम हो रही थी।


सुनने को हर कोई बेताब था हर किसी को यहाँ

वो अकेली इस महफिल में अनसुनी हो रही थी।


फिक्र थी हर किसी को किसी की फिक्र की

बीच महफिल वो अकेली बेफिक्र हो रही थी।।


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