गुजारिश
गुजारिश
अभी तो क्या कुछ मेरी बात हुई है,
तुझ से जो पहली मुलाकात हुई है।
हँसकर मोड़ लिए कदम जो तूने,
दिल की मेरे दिल से पहचान हुई है।
सुहाना मौसम और भी सुहाना हुआ,
जुल्फों से तेरी जो थोड़ी बारिश हुई है।
सामने खड़ी तो नजर ने देखा आईना,
पलकें झुकी तो तस्वीर हमारी हुई है।
हमने पूछा ख़ुद को क्या मिला ख़ुदा ?
लब्जों में सुना तो गुजारिश तुम्हारी हुई है।।