STORYMIRROR

Dr. Nidhi Priya

Drama

3  

Dr. Nidhi Priya

Drama

तुम आए तो....

तुम आए तो....

1 min
315

दु:ख की बदली थी छाई हुई

जग अंधियारा था मेरा

तुम एक किरण बनकर आए

खुशियों का हुआ सवेरा


तुम चमके जब मन के नभ पर

आशा का बनकर सूरज

अश्रुजल अब चले गए

मेरे नयनों का घर तज


मेरे सूने मन का पंछी

बैठा अब पंख पसार

उज्ज्वल सुन्दर नीलगगन में

उड़ने को तैयार


तुमने मुझको दिया है जो

नवजीवन का उपहार

कैसे मैं लौटा पाऊँगी

यह सुन्दर उपकार


नारी होने का मुझको जो

आज मिला सम्मान

अर्पित हैं तुम पर अब मेरे

तन मन और यह प्राण


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama