धरतीदिवस पर
धरतीदिवस पर
अपने ऊपर क्लेश सहनकर
सबके प्राण बचाती है
तब ही तो धरती ये हमारी
सबकी माँ कहलाती है
जैसे माता दूध पिलाकर
सबका पोषण करती
वैसे धरती अन्न-जल दे
सबका पालन करती
भोजन देती माता हमको
धरती ही उपजाती है
तब ही तो धरती ये हमारी
सबकी माँ कहलाती है
जैसे माँ की गोद में खेलते
सारा बचपन बीते
वैसे इसकी गोद में पलकर
सारा जीवन बीते
मरकर भी अपनी यह काया
धरती में मिल जाती है
तब ही तो धरती ये हमारी
सबकी माँ कहलाती है
माँ जैसी ही प्यार करे यह
माँ जैसी दुलराए
जब हम कोई गलती कर दें
माँ जैसी सह जाए
पाँव तले रहकर भी हँसकर
सबको गले लगाती है
तब ही तो धरती ये हमारी
सबकी माँ कहलाती है
इसकी महिमा को पहचानें
और इसका सम्मान करें
ध्यान रखें मिलकर हम इसका
आओ कुछ श्रमदान करें
सेवा करें निरन्तर इसकी
दशा बिगड़ती जाती है
तब ही तो धरती ये हमारी
सबकी माँ कहलाती है
धरतीदिवस के शुभ अवसर पर
यह निश्चय हो अपना अब
इसकी सुरक्षा के हेतु
शुभ संकल्प करें हम सब
द:ख सहकर सुख को लौटाना
सबको यही सिखाती है
तब ही तो धरती ये हमारी
सबकी माँ कहलाती है।