खुद की तलाश में मैं इक सफर पे हूँ, मुश्किल है जिसपे चलना ऐसी डगर पे हूँ, मंजिल जो मिले तो बता सकूंगी मैं, कौन हूँ कहाँ से और किस जगह पे हूँ । (TGT-Sanskrit at Kendriya Vidyalaya, Patna)
भेड़ियों से डरकर फिर तुमने अपनी पीठ दिखाई क्यों भेड़ियों से डरकर फिर तुमने अपनी पीठ दिखाई क्यों
तब ही तो धरती ये हमारी सबकी माँ कहलाती है। तब ही तो धरती ये हमारी सबकी माँ कहलाती है।
मुख पर सबके मुस्कान तो है पर आँखों में भी पानी है । मुख पर सबके मुस्कान तो है पर आँखों में भी पानी है ।
तुम संग चलो और साथ रहो किसी जीवन का आधार बनो। तुम संग चलो और साथ रहो किसी जीवन का आधार बनो।
चलो आज जीवन की डलिया में हम सारी कलियों को चुन करके छाँटे भरें। चलो आज जीवन की डलिया में हम सारी कलियों को चुन करके छाँटे भरें।
तुम्हें दु:खों की कड़ी धूप में तपना होगा तुम्हें दु:खों की कड़ी धूप में तपना होगा
कल रात अचानक सपने में मैंने देखा तुझे अपने संग। कल रात अचानक सपने में मैंने देखा तुझे अपने संग।
किस दौड़ में लगे हैं हम किस बात का है डर मंज़िल कहाँ है कुछ हमें आता नहीं नज़र क्या चाहिए हमें... किस दौड़ में लगे हैं हम किस बात का है डर मंज़िल कहाँ है कुछ हमें आता नहीं नज़...
दे रही हैं ये सभी हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा आओ मिलकर के करें हम आज उनकी वंदना। दे रही हैं ये सभी हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा आओ मिलकर के करें हम आज उनकी वंदना...
देगी तुम्हें दुआएँ देखो आने वाली पीढ़ी। देगी तुम्हें दुआएँ देखो आने वाली पीढ़ी।