टूट कर फिर बिखरना चाहती हूं
टूट कर फिर बिखरना चाहती हूं


टूट कर बिखरना चाहती हूं
तेरी मोहब्बत में फिर से सँवरना चाहती हूँ
तेरे हर लम्हों की अल्फ़ाज़ बनकर
मैं खुद को तुझ में फ़ना करना चाहती हूँ
तू कुछ इस तरह से मुझे
अपना बना ले कि तेरी ही
धड़कन बन कर मैं इस दिल में
फिर से धड़कना चाहती हूँ।
टूट कर फिर बिखरना चाहती हूं
कर तू मुझे इतनी मोहब्बत की
मेरी चाहत का अंजाम आखिरी
बन मैं इस दुनिया से इस तरह
से विदा होना चाहती हूँ।
छुपा ले तू मुझे अपनी आँखों में
कि तेरे ख़्वाबों का गहरा राज
बनकर में तेरे हृदय में ही रहना
चाहती हूं
टूट कर फिर बिखरना चाहती हूं।