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usha yadav

Others

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usha yadav

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कविता

कविता

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विचारभावों की जद्दोजहद के 

उधेड़बुन कर शब्दों को वाक्यों 

में पिरोना 


भावनाएं भी होती हैं 

 कल्पनाएं भी इसमें समाहित होती हैं

 पर उकेरने को रंग ही नहीं मिलते 


यूँ आसान नहीं होता 

सुर्ख कोरे कागज पर 

सजल स्वप्नमयी सपनों 

को सजाना।


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