तोशा-ए-सफ़र
तोशा-ए-सफ़र
दूर दराज पुराना घर,
मैले आँगन पर कंकर-पत्थर,
मरघट की मुश्क,
शमशान सी धुंद,
दूर दराज बहिष्कृत स्थल,
दराज़ों दरियों की धुल,
दीवारों पर अश्रुओं का रिंगन,
लोहे पर रक्त,
दूर दराज बिसरी यादें,
मेज़पोश पर रखी फरियादें,
दर्पण पर फीकी मुस्कुराहटें,
बरामदे में टूटी शाखें,
दूर दराज मुहब्बत का दरिया,
किवाड़ पर लटका उम्मीद का ज़रिया,
अंदर रखें कुछ अतीत के मुसाफ़िर,
सियाही से लिपटे दुःख से सने,
दूर दराज ऊँचे मुंडेरे ,
पंछी बैठें साँझ सवेरे,
पार झरोखे कांच के गुलाब,
अलमारी में सुशोभित तमगे ख़िताब,
दूर दराज बर्बाद मकान,
जूठे रिश्ते झूठी शान,
विस्मरण की अग्नि में झुलसे गलीचे,
अमावस सा अंधकार,
दूर दराज महत्वाकांक्षा का सेहरा,
जर्जर बस्ती सायों का पहरा,
एक दरबान दीपक,
धूमिल प्रकाश,
दूर दराज एक अस्थि पिंजर,
दूर दराज एक किस्सा पुराना,
दूर दराज अस्तित्व के उपवन,
दूर दराज मुरव्वत की शाला,
दूर दराज है घर मेरा,
छूट चला घर मेरा,
दूर दराज है बचपन मेरा,
दूर दराज सपनों का बेड़ा,
दूर दराज मकसद के फल,
दूर दराज है मजबूरी के बिस्तर,
दूर दराज है चादर पुरानी,
दूर दराज दादी की कहानी,
दूर दराज ममता के फूल।
