तो कुबूल रब होगा
तो कुबूल रब होगा
तेरे भरोसे मैं तो सब कर रही हूं
ना जी नहीं हूं ना मर रही हूं
यादों में कभी तो दूर जाता नहीं है
तेरे सिवा कुछ ख्वाब आता नहीं है
अब तनहाइयों का दौर दरमियाँ
बिलकुल सहा नहीं जाएगा
मैं आ जाऊँ तेरे पास या फिर
तू खुद ही मुझसे मिलने आएगा
तेरे अलावा कोई हैं नहीं अब
कहूँ भी आखिर मैं किससे
रब था एक जो सुनता था पर
इस बार रूठी हूँ मैं रब से
अब क्या करूं मैं तू ही बता दे
सहा ना जाए दर्द जुदाई का मुझसे
मेरे दर्द दिल की कोई तो दवा दे
इजहार है कि प्यार हुआ है तुझसे
मोहब्बत में तड़पाना सही तो नहीं है
बता बरसों का इंतजार पूरा कब होगा
तुझे भी तो प्यार हैं ना मुझसे इसलिए
तू आएगा तो कबूल मेरा रब होगा

