Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Swapna Sadhankar

Romance Tragedy

4  

Swapna Sadhankar

Romance Tragedy

तक़दीर

तक़दीर

1 min
454


तुम मुझसे रूठो

ऐसी मेरी तक़दीर कहाँ

मैं तुमसे रूठूँ

ये मेरी हैसियत कहाँ

रूठने मनाने के,

सिलसिलों से प्यार उभरें

ऐसा गहरा रिश्ता कहाँ

ऐसी मेरी तक़दीर कहाँ...


ख़ुशी में तुम,

हाथ में हाथ लो

ये सुख मुझको कहाँ

ग़म में तुम,

बाँहों में ना भर लो

इससे बड़ा दुःख कहाँ

हँसने रुलाने के,

मौसमों से जिंदगी बहरे

ऐसा चाहत का समा कहाँ

ऐसी मेरी तक़दीर कहाँ...


तुम मुझसे परेशान हो,

इससे बुरा

मुझे दर्द कहाँ

तुम्हें ज़रा भी,

ये एहसास हो

मेरी तड़प की औक़ात कहाँ

दिल दिल से मिलके,

मोहब्बत जनम ले

ये लकीर मेरे नसीब में कहाँ

ऐसी मेरी तक़दीर कहाँ...


तुम जिंदगी में,

शामिल हुए

इस में मेरा कुसूर कहाँ

मेरा नासमझ दिल,

तुम पे आया

इस में मेरा गुनाह कहाँ

घुटघुट के जीने की,

सज़ा मिली हो जैसे

इससे ज़ालिम मौत भी कहाँ

तुम मेरी तक़दीर में कहाँ...



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance