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Swapna Sadhankar

Romance Tragedy

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Swapna Sadhankar

Romance Tragedy

तक़दीर

तक़दीर

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तुम मुझसे रूठो

ऐसी मेरी तक़दीर कहाँ

मैं तुमसे रूठूँ

ये मेरी हैसियत कहाँ

रूठने मनाने के,

सिलसिलों से प्यार उभरें

ऐसा गहरा रिश्ता कहाँ

ऐसी मेरी तक़दीर कहाँ...


ख़ुशी में तुम,

हाथ में हाथ लो

ये सुख मुझको कहाँ

ग़म में तुम,

बाँहों में ना भर लो

इससे बड़ा दुःख कहाँ

हँसने रुलाने के,

मौसमों से जिंदगी भरे

ऐसा चाहत का समा कहाँ

ऐसी मेरी तक़दीर कहाँ...


तुम मुझसे परेशान हो,

इससे बुरा

मुझे दर्द कहाँ

तुम्हें ज़रा भी,

ये एहसास हो

मेरी तड़प की औक़ात कहाँ

दिल दिल से मिलके,

मोहब्बत जनम ले

ये लकीर मेरे नसीब में कहाँ

ऐसी मेरी तक़दीर कहाँ...


तुम जिंदगी में,

शामिल हुए

इस में मेरा कुसूर कहाँ

मेरा नासमझ दिल,

तुम पे आया

इस में मेरा गुनाह कहाँ

घुटघुट के जीने की,

सज़ा मिली हो जैसे

इससे ज़ालिम मौत भी कहाँ

तुम मेरी तक़दीर में कहाँ...



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