" तेरी दोस्ती का शुक्रिया "
" तेरी दोस्ती का शुक्रिया "
उस मेहरबान नजर का शुक्रिया
जो है तेरे जुबां पर छुप रहा
चाहिए क्या तोहफा हमें बता दो
अगर प्यार करते हो तो जता दो,
इस मित्रता की एक अलग ही पहचान है
यह कविता हमारी मित्रता के नाम है,
आप जैसे मित्र की छाया हमें मिलती रहे
आपके जैसा तोहफा हमें सदा मिलते रहे,
उम्र यूँ गुजर जाएगी हर
एक लम्हा याद आएगा
जब भी आईना देखूं
तेरा ही चेहरा नजर आएगा,
दोस्त वही जो मिलने
का अहसास दिलाये
जब भी मुझे प्यास लगे वह
खुद दरिया बन जाए,
जिस दोस्त ने मुझे यह तोहफा दिया
तहे दिल से शुक्रिया
जिस ने मुझे यह स्नेह दिया
तहे दिल से शुक्रिया,
हमेशा मेरी यही कोशिश रहे
तुम्हारी और हमारी दोस्ती हमेशा बनी रहे।

