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Prakash Singh Patel

Abstract

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Prakash Singh Patel

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" सच्चा मित्र "

" सच्चा मित्र "

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दोस्ती तो एक इत्तेफाक होती है

पता नही कैसे लोगो से मुलाकात होती है


दोस्ती दिन रात या चेहरा देखकर नही

दोस्ती तो दिलो से ओर जज्बात से होती है

दोस्ती तो नए सफर की शुरुआत होती है


अरे दोस्ती में बहुत स्नेह होता है

कुछ बाते ऐसी होती है जिन्हें 

हम हर किसी से शेयर नही 

कर सकते लेकिन दोस्तों के साथ शेयर करते हैं

इसीलिए तो दोस्ती इतनी खास होती है


जब एक मित्र दूसरे मित्र के काम आता है 

तभी वह एक सच्चा मित्र बन पाता है


यूँ तो कहे की जब भी मेरी कोई लड़ाई हो

वह एक फ़ोन लगाने पर अपना सभी काम 

छोड़कर चला आता है


तो कभी लड़की पटाने में मेरा साथ निभाता है

कभी सुख में काम आता है 

तो कभी दुख में काम आता है

वास्तव में वही वही सच्चा मित्र कहलाता है।


मित्र ही हमारा हेल्प लाइन नंबर होता है

जब भी कॉल करो तो

और भाई मेरे यार मेरी जान 

कोई दिक्कत तो नही

कहकर सारी समस्याओं का

समाधान कर देता है।


आखिर सच्चे मित्र की पहचान कब होती है

मित्रता मित्रता से अनजान होती है।


मित्रता ही एक ऐसा रिश्ता होता है 

जो उम्र, क्लास ,बराबरी या 

जाती देखकर नही होता है।


वैज्ञानिक भी दावा करते है कि जिनकी मित्रता

7 साल से ज्यादा की होती है

उन के बीच में कितनी भी फूट पड़ जाए

वह मित्रता कभी अलग नही होती है।


मेरी हमेशा यही कोशिश रहे

की सोनू और प्रकाश की 

दोस्ती हमेशा बनी रहे।


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