STORYMIRROR

Prakash Singh Patel

Romance Fantasy Others

4  

Prakash Singh Patel

Romance Fantasy Others

" उसका दीदार "

" उसका दीदार "

1 min
231

अभी भी समझ जा 

मैं हूँ पागल की तरह

तेरी आँखों में समा जाऊंगा

काजल की तरह।


एक तू ही है जब मैं

उल्फत में आता हूँ

जब भी तेरी देखूं आँखें 

खुद राहे भूल जाता हूँ ।


सबेरा अच्छा शाम अच्छी 

शमा और जाम अच्छा है

तू ही बता तेरी आँखों के लिए

कौन से नाम अच्छा है।


तेरे मासूम चेहरे पर हर 

अदा अच्छी लगती है

तू जब भी दुआ करे तो 

हर दुआ सच्ची लगती है।


मैं नहीं बाटना चाहता साया भी तेरा

जब से तुझको देखा है न

पता नहीं कब होता है 

मेरी सांझ ओर मेरा सबेरा।


काश हम पर भी कोई इतना प्यार जताता

पीछे से आकर मेरी आँखों को छुपाता

मैं तो बस तेरा काजल बनना चाहता हूँ

काजल बनकर तेरी आँखों में बसना चाहता हूँ।


हमको तो प्यारी लगती है 

तेरी हर अदा और मुलाकातें

मुझे तो सबसे सुंदर लगती है 

सिर्फ तेरी प्यारी आँखें और प्यारी बाते।


तेरी मुस्कुराहट तेरी आँखें 

तेरा ये सुंदर चेहरा 

देखकर में आहें भरता

तू ही बता मेरा दिल तेरे पर

न मरता तो क्या करता।


प्यारे प्यारे नैन उसके 

न जाने क्या चाहे

जब भी तट पर जाऊं 

बस उसकी ही यादें आये।


गोरी इस संसार में 

तेरा ऐसा रूप लगता है

अंधेरे में जब भी दीपक जलाऊ

तेरा काजल ही सबसे

खूबसूरत लगता है।


काजल हो तुम दिल में 

समाकर महफ़िल जमाने लगे

पता नहीं क्या हुआ 

हम कहाँ है 

किस राह तक पहुँचे

बस धीरे धीरे तेरी ओर जाने लगे।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance