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Prakash Singh Patel

Romance Others

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Prakash Singh Patel

Romance Others

" रूठे को मनाना "

" रूठे को मनाना "

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तुम अगर रूठ जाओगी तो मैं मना लूंगा

सारे गमों को भुलाकर प्यार जता लूंगा


जब अकेला रहता हूँ तो तुम्हें

याद करना अच्छा लगता है

तुम्हें बार बार गुस्सा दिलाकर 

मनाना अच्छा लगता है


बागों में जब चिड़िया चहचहाती है

मेरे मन में तेरी एक झलक सी आ जाती है


तुम्हारा रूठना मनाना अच्छा लगता है

तुम्हारा पास आकर मुस्कुराना अच्छा लगता है


प्यार इश्क़ में अभी तक नाकाम रहा हूँ

क्योंकि झूठे वादे या बहाना मैं नहीं निभा सका हूँ


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