तेरे मिलन में डुबने दे
तेरे मिलन में डुबने दे
आज अधुरा मिलन पूरा करने दे,
मुझे तेरे प्यार का दीवाना बनने दे,
दुनिया डर छोडकर आजा सनम,
मुझे विरह की आग शांत करने दे।
तुझे सोला शिंगार में मुझे देखने दे,
तेरे बेसूमार हूश्न से मदहोंश कर दे,
मदहोंश बना हुआ देखकर सनम,
ये चांद को बादलों में छूप जाने दे।
मेरे दिल का मयखाना खोलने दे,
तेरे कोमल हाथों से ज़ाम पीने दे,
नशे में भानशान भुलकर सनम,
दिल के मयखाने में शोर मचाने दे।
मुझे प्यार की तड़प शांत करने दे,
तेरा प्यारभरा आलिंगन मुझे दे दे।
ये पूनम की चांदनी रात में सनम,
"मुरली" को तेरे मिलन में डुबने दे।
रचना:-धनज़ीभाई गढीया"मुरली" (ज़ुनागढ)

