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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Drama Romance

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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Drama Romance

सनम का इंतज़ार

सनम का इंतज़ार

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जब शाम ढले तब आ जाना,
मेरे इश्क की महफिल को सजा जाना,
दिल से इंतजार करुंगा तेरा सनम,
अब इश्क में मुझे तू न तड़पाना।

मेरे दिल में आ कर बस जाना,
मेरे दिल को तोडकर कहीं भी न जाना,
दिल का दरवाजा मेरा खुला है सनम,
जी चाहे तब उसे तू खटखटाना।

तेरी सांसों की सरगम बहा जाना,
मेरी धड़कन के साथ ताल मिला जाना,
इश्क का प्यासा बना हूंँ मै तेरा सनम,
आज मिलन मधुर तू बना जाना।

तेरे होंठों से अल्फाज़ सरका जाना,
तेरे अल्फाज़ो से दीवाना मुझे बना जाना,
"मुरली" तुझे दिल में समाउंगा सनम,
मेरे इश्क को महसूस कर जाना।

 रचना:-धनज़ीभाई गढीया"मुरली" (ज़ुनागढ-गुजरात)


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