मैं रूँठुं, तुम मना लेना
मैं रूँठुं, तुम मना लेना
मेरी आदतों को तुम सहते रहना,
मुझ पर कभी गुस्सा करते रहना,
मेरी आदत के लिये डांटते रहना,
अगर मैं रूँठुं, तुम मना लेना।
मेरी नाराजगी को अनदेखा करना,
मुझे तानें सुनाकर तंग करते रहना,
मुझे प्यारभरी थप्पड भी लगा देना,
अगर मैं रूँठुं, तुम मना लेना।
मेरे सामने तिरछी नजर से देखना,
जब मै तुमको देखु तो मुंँह मोड़ लेना,
मेरी अखिंयों से आंसु बहाते रहना,
अगर मैं रूठुँ, तुम मना लेना।
मुझे जुदाई की भी धमकी देते रहना,
मेरे मायके मेरी फरियाद करते रहना,
यही है दाम्पत्य जीवन सनम"मुरली",
बस मै रूठुती रहुं, तुम मनाते रहना।

