तेरा प्यार
तेरा प्यार
मिल गई थी जिंदगी में कभी घुल कर
एक बूंद तेरे प्यार के एहसास की
मैंने उम्र की तमाम
कड़वाहट अमृत की तरह पी ली
ना छोड़ेंगे एक दूसरे का साथ
रहेंगे यूं जैसे दिन में विलीन रात
जन्मों जन्मों तक साथ की कसम
फिर शुरू मजबूरियों की कहानी
अब तुम उठाते हो जो जाम
महफ़िल में अपनों की बैठ
मुझे लगता है उस प्याले में
मेरे सभी अरमान पी रहे हो
मेरी छलकती आंखों से भर
उनमें मेरा दिल नादान पी रहे हो
उनके साथ भी जो तुम हंस के जी रहे हो
अनजाने में मेरा ही तो कफ़न सी रहे हो
किसी और मोड़ पर अब ये दास्तां ना होगी
मेरे मरने के बाद ही अब मेरी पहचान होगी।
